05 January, 2009

समय के परे

साल के आने के एक दिन पहले
कुछ पुराने रिश्तों को एल्बम से उठाया
थोडी धूल लगी थी, झाड़ दी
और फ़िर से एल्बम उसी ताक पर रख दी
फ़िर जाने कितने सालों की धूल जमने के लिए...
कुछ रिश्ते ऐसे भी हैं...जिनमें बस मैं हूँ
साथ के लोग जाने कब का हाथ छोड़ कर जा चुके हैं
फ़िर भी
मैं तो हूँ...
और जब तक मैं हूँ...ये रिश्ते जिन्दा हैं।


नए साल में
कुछ नए रिश्ते
जाने कब हाथ पकड़ कर चलने लगे
मेरी मुस्कराहट में हंसने लगे
मेरे गीतों में ताल देने लगे
मेरे साथ हवाओं में उड़ने लगे

पुराने और नए साल के बीच
एक लम्हा था
जो न नया था न पुराना
उस लम्हे में मैंने तुमको देखा
और जाना...फ़िर से
तुम
न आए थे, न जाओगे
तुम बस हो
मुझमें...हममें।



मुझसे इतना प्यार करने का शुक्रिया...
तुमने कहा था न, इस साल मैंने तुम्हें कोई तोहफा नहीं दिया...साल की पहली पोस्ट तुम्हारे लिए.

19 comments:

  1. Welcome back :-)

    कुछ रिश्ते ऐसे भी हैं...जिनमें बस मैं हूँ
    साथ के लोग जाने कब का हाथ छोड़ कर जा चुके हैं
    फ़िर भी
    मैं तो हूँ...
    और जब तक मैं हूँ...ये रिश्ते जिन्दा हैं।

    bahut sundar aur sach hamesh ki tarah.. kisi ko mann mein kitna sochte hai use kya kya bana lete hai apne liye.. aur uske liye hum bas ek sadharan dost :-)

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  2. बहुत खूब| Welcome Back.

    "साथ के लोग जाने कब का हाथ छोड़ कर जा चुके हैं
    फ़िर भी
    मैं तो हूँ...
    और जब तक मैं हूँ...ये रिश्ते जिन्दा हैं। "

    बीतें हुए लम्हों की कसक साथ तो होगी!|

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  3. पुराने और नए साल के बीच
    एक लम्हा था
    जो न नया था न पुराना


    लाजवाब. बस यही लम्हा तो बुद्ध का मोक्ष और महावीर का निर्वाण है. ये है मध्यम मार्ग की सटीक परिभाषा. इसी को समझाते हुये कई ज्ञानी मर खप गये और यही है शिव की निर्वाण की विधि.

    आज तो आत्मा प्रशन्न करदी नये साल की पहली ही पोस्ट मे. बहुत धन्यवाद. ईश्वर यही समझ आपकी बनाये रखे.

    रामराम.

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  4. That was really a romantic piece.
    Happy New Year!

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  5. भावनाओ का समंदर है यह पोस्ट वाह! नये साल की शुभकामनाएँ

    ---
    चाँद, बादल और शाम
    http://prajapativinay.blogspot.com

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  6. क्या कहूँ। एक एक शब्द बहुत कुछ कह रहा हैं।
    इसमें कितने ही रंग भरे हुए। सच में अद्भुत रचना हैं।

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  7. उस लम्हे में मैंने तुमको देखा
    और जाना...फ़िर से
    तुम
    न आए थे, न जाओगे
    तुम बस हो
    मुझमें...हममें।
    bahut hi haseen jazbat bhari lines hai.jaise janam janam ka rishta ho.bahut khubsurat,dilkash,happy new year.

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  8. बहुत सुन्दर-भावपूर्ण-दिल की गहराईयों से निकले उदगार.

    नववर्ष की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

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  9. दिल से निकली बात को नज़्म बनाना खूब जानती हो तुम......और हाँ फोटो वाला अच्छा है :-)

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  10. स्वागतम...नये साल की ढ़ेरों बधाईयां मैम
    और साल की शुरूआत में इतनी मनमोहक रचना के लियी बड़ा-सा धन्यवाद

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  11. तुम बस हो
    मुझमें...हममें।
    dil se nikli batain bahut ghera asar karti hain....
    anmol tohfa hai...


    अक्षय-मन

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  12. कुछ रिश्ते ऐसे भी हैं...जिनमें बस मैं हूँ ..
    gahri baat...
    hame to ye line bahut pasand aayi

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  13. Itni khoobsoorat,man ki gahrayi ko chhoone bali rachana,mai to apne aap ko us kabil bhi nahi samajh pa raha hu ki koi comment kar saku.

    ------------------------"VISHAL"

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  14. बेहतरीन नए साल का तोहफा इससे खूबसूरत और क्‍या होगा

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  15. बाप रे बाप...............मैं तो सोचने लगा काश...........!!.........मगर हाँ रिश्तों का तो मतलब ही यही है..........प्रेम.........त्याग.........समर्पण........धैर्य......!! जहाँ ये सब है..........वहीं रिश्तों का आनंद भी..........सच.........!!

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